8th Pay Commission 2025 – सरकारी कर्मचारियों के लिए 8th Pay Commission से जुड़ी खबरें लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। ताजा अपडेट के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर में बड़ा बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है। फिटमेंट फैक्टर वह मानक है जिसके आधार पर बेसिक सैलरी में वृद्धि तय होती है और इससे भत्तों सहित पूरी सैलरी स्ट्रक्चर पर असर पड़ता है। अभी तक 2.57 फिटमेंट फैक्टर लागू है, लेकिन चर्चाओं के अनुसार इसे 3.0 या उससे भी ज्यादा किया जा सकता है। इसका मतलब है कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में सीधा बड़ा उछाल देखने को मिलेगा। इससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा और उनकी आय में महत्वपूर्ण इजाफा होगा। अगर यह सिफारिश लागू होती है तो पेंशनधारकों की पेंशन राशि भी स्वतः बढ़ जाएगी। ऐसे में यह अपडेट कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों के लिए बेहद राहत भरी खबर साबित हो सकती है।

8th Pay Commission में फिटमेंट फैक्टर क्या है और क्यों जरूरी है?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसका उपयोग कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को संशोधित करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक पे 20,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, तो नई बेसिक पे 51,400 रुपये बनती है। अब अगर यह फैक्टर 3.0 किया जाता है तो वही बेसिक पे बढ़कर 60,000 रुपये से ज्यादा हो सकती है। यही वजह है कि यह बदलाव कर्मचारियों के लिए बहुत अहम है। फिटमेंट फैक्टर का असर केवल बेसिक पे तक सीमित नहीं रहता बल्कि HRA, DA और अन्य भत्तों पर भी पड़ता है, जिससे कुल वेतन में बड़ा उछाल आता है। यही कारण है कि केंद्रीय कर्मचारियों की नजर इस फैसले पर टिकी हुई है।
सैलरी बढ़ोतरी की संभावनाएं और कर्मचारियों की उम्मीदें
अगर 8th Pay Commission की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू होती हैं और फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.0 या 3.5 कर दिया जाता है, तो कर्मचारियों की सैलरी में 25% से 35% तक का उछाल संभव है। इससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और महंगाई से राहत भी मिलेगी। कर्मचारियों के संगठन लंबे समय से सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे थे। अगर केंद्र सरकार यह फैसला करती है तो यह करोड़ों परिवारों के लिए दिवाली जैसा तोहफा साबित हो सकता है। वहीं, पेंशनभोगियों की पेंशन में भी समानुपातिक वृद्धि होगी जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा।
फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से पेंशनर्स को क्या लाभ होगा?
पेंशनधारकों के लिए भी फिटमेंट फैक्टर का महत्व उतना ही है जितना नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए। मौजूदा पेंशन बेसिक पे के आधार पर तय होती है, इसलिए जब फिटमेंट फैक्टर बढ़ेगा तो पेंशन भी स्वतः बढ़ जाएगी। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी पेंशनर की मौजूदा पेंशन 25,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 3.0 लागू होता है, तो उनकी पेंशन 30,000 रुपये से ज्यादा हो सकती है। इससे बुजुर्ग पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी और महंगाई के दबाव में कमी आएगी। यही कारण है कि पेंशनर्स भी 8th Pay Commission की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
8th Pay Commission से जुड़ी ताजा स्थिति और आगे की प्रक्रिया
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 8th Pay Commission की रिपोर्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी। यह समिति महंगाई दर, जीवन स्तर, और मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए सिफारिशें पेश करेगी। रिपोर्ट आने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और फिर संसद में रखा जाएगा। अनुमान है कि जनवरी 2026 से यह लागू हो सकता है। हालांकि, इससे पहले सरकार द्वारा औपचारिक अधिसूचना जारी करनी होगी। कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों की निगाहें अब सरकार की घोषणा पर टिकी हुई हैं, जिससे उनके भविष्य की सैलरी और पेंशन तय होगी।