New Toll Tax – सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए टोल टैक्स से जुड़ा अहम फैसला लिया है। अब देशभर में कुछ प्रमुख नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर यात्रियों को टोल पार करने के लिए केवल ₹25 का भुगतान करना होगा। यह नियम आज से लागू कर दिया गया है, जिससे रोज़ाना आने-जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। पहले जहां छोटी दूरी के लिए भी ₹80 से ₹120 तक का टोल देना पड़ता था, अब इस नई व्यवस्था से पेट्रोल और डीज़ल की महंगाई के बीच आम नागरिकों को खर्च में सीधी बचत होगी। सरकार का दावा है कि इस बदलाव से ट्रैफिक जाम भी कम होगा, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक FASTag भुगतान को बढ़ावा दिया जाएगा।

नए टोल नियम से कितनी होगी बचत?
नए टोल टैक्स नियम लागू होने के बाद यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा में काफी बचत होगी। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति रोज़ाना ऑफिस जाने के लिए 20–25 किलोमीटर का सफर करता है, तो पहले उसे ₹100 तक टोल देना पड़ता था। अब यह खर्च केवल ₹25 तक सीमित रहेगा। सरकार ने इसे ‘सस्ती यात्रा मिशन’ नाम दिया है, जिसके तहत आम लोगों की जेब पर बोझ कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, नई दरें केवल प्राइवेट कारों पर ही नहीं बल्कि कुछ लाइट कमर्शियल व्हीकल्स पर भी लागू होंगी।
FASTag उपयोग पर मिलेगी और छूट
सरकार ने घोषणा की है कि जो लोग FASTag से टोल टैक्स का भुगतान करेंगे, उन्हें अतिरिक्त 10% की छूट दी जाएगी। इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और टोल प्लाज़ा पर लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही, नकद भुगतान करने वालों के लिए अलग लेन बनाई जाएगी ताकि ट्रैफिक का दबाव नियंत्रित रह सके। सड़क परिवहन मंत्रालय का कहना है कि इस कदम से अगले 6 महीनों में डिजिटल टोल कलेक्शन 90% तक बढ़ने की उम्मीद है।
किन राज्यों में लागू हुआ नया टोल नियम?
पहले चरण में ये नए टोल नियम दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के हाईवे पर लागू किए गए हैं। आने वाले महीनों में इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है। राज्यों की स्थानीय प्रशासन टीमों को आदेश दिए गए हैं कि टोल बूथों पर नए रेट्स को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाए ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
जनता ने इस फैसले का स्वागत किया है और सोशल मीडिया पर सरकार की सराहना की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला न केवल लोगों की जेब पर राहत देगा, बल्कि सड़क परिवहन क्षेत्र में पारदर्शिता भी बढ़ाएगा। कई लोगों ने इसे ‘जनता का टोल राहत पैकेज’ करार दिया है, जबकि उद्योग जगत का मानना है कि इससे लॉजिस्टिक कॉस्ट भी कम होगी, जिससे वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी।