FASTag Big News – सरकार ने FASTag उपयोगकर्ताओं के लिए नई गाइडलाइन जारी की है, जिससे करोड़ों वाहन मालिकों पर सीधा असर पड़ेगा। नए नियमों के तहत अब हर वाहन के लिए FASTag को अनिवार्य कर दिया गया है, और जो यूज़र पुराने टैग या गलत बैंक लिंकिंग के साथ टोल पर पहुंचेंगे, उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। हाल के दिनों में फेक FASTag और डुप्लिकेट अकाउंट की शिकायतों में तेजी आने के बाद, परिवहन मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। अब यूज़र्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका FASTag KYC पूरी तरह अपडेट हो, बैंक से लिंक हो, और समय पर बैलेंस रिचार्ज किया गया हो। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो हर टोल पर डबल चार्ज देना पड़ सकता है। सरकार का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और फ्रॉड रोकने के लिए उठाया गया है। नई गाइडलाइन 15 नवंबर 2025 से लागू होगी।

FASTag New Guidelines: क्या बदलेगा नया सिस्टम
नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब हर वाहन मालिक को अपने FASTag अकाउंट को “वन नेशन, वन FASTag” सिस्टम में अपडेट करना होगा। इसका मतलब है कि एक वाहन के लिए केवल एक वैध FASTag ही मान्य होगा। डुप्लिकेट या मल्टीपल टैग रखने पर पेनल्टी लगाई जाएगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिना वैध KYC वाले टैग अब ब्लॉक कर दिए जाएंगे। इससे फर्जी टैग और गलत टोल पेमेंट के मामलों में भारी कमी आएगी। नया सिस्टम डिजिटल ट्रांजैक्शन को और सुरक्षित बनाएगा तथा लंबी टोल कतारों को खत्म करेगा। साथ ही, बैंक अब उपयोगकर्ताओं को ऑटो-रिचार्ज और रियल-टाइम नोटिफिकेशन की सुविधा देंगे।
ज्यादा फीस से बचने के लिए क्या करें
यदि आप ज्यादा फीस या डबल चार्ज से बचना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपना FASTag अकाउंट जांचें। अपने बैंक ऐप या आधिकारिक FASTag पोर्टल पर जाकर देखें कि आपका KYC पूरा है या नहीं। पुराने या निष्क्रिय टैग को तुरंत बंद करें। इसके अलावा, हर यात्रा से पहले बैलेंस की स्थिति जांचना जरूरी है ताकि ऑटो-डिडक्शन में कोई दिक्कत न आए। यदि किसी टोल पर गलत चार्ज कट जाए, तो आप 24 घंटे के भीतर बैंक या NHAI हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सरकार ने सभी टोल बूथ्स पर कस्टमर सर्विस डेस्क भी तैनात करने के निर्देश दिए हैं ताकि यात्रियों की परेशानी कम की जा सके।
नई गाइडलाइन से क्या फायदे होंगे
सरकार का दावा है कि नई FASTag गाइडलाइन लागू होने से टोल सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और धोखाधड़ी के मामलों में 70% तक कमी आएगी। ‘वन FASTag वन व्हीकल’ सिस्टम से डुप्लिकेट टैग खत्म होंगे और टोल प्लाज़ा पर ट्रैफिक कम होगा। इसके अलावा, यूज़र्स को डिजिटल पेमेंट हिस्ट्री ट्रैक करने में भी आसानी होगी। इस बदलाव से सरकार को टैक्स और डेटा ट्रांसपेरेंसी में मदद मिलेगी, जबकि आम जनता को समय और पैसे दोनों की बचत होगी। हालांकि, शुरुआती हफ्तों में नए नियमों को लेकर भ्रम की स्थिति रह सकती है, इसलिए सरकार जागरूकता अभियान भी चला रही है ताकि हर वाहन मालिक को नियमों की पूरी जानकारी मिले।
पूरी डिटेल: 500 शब्दों में
FASTag प्रणाली भारत में डिजिटल इंडिया पहल का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हाईवे पर बिना रुकावट टोल वसूली को बढ़ावा देना है। पहले जहां लोगों को नकद भुगतान के कारण लंबी लाइनें झेलनी पड़ती थीं, अब FASTag ने इस समस्या को लगभग समाप्त कर दिया है। लेकिन समय के साथ बढ़ते उपयोगकर्ताओं और फेक टैग की शिकायतों ने सरकार को नए कदम उठाने पर मजबूर किया। नई गाइडलाइन के तहत, अब हर वाहन के लिए सिर्फ एक सक्रिय FASTag रहेगा, जिससे फर्जीवाड़ा रोकने में मदद मिलेगी।
FASTag का इस्तेमाल करने से क्या लाभ है?
ट्रैफिक जाम से बचाव और टोल बढ़ाने की सुविधा।