ATM Card Charges – ATM Card पर नई पॉलिसी की घोषणा के साथ ही बैंकों ने यूज़र्स के लिए कई नियमों और चार्ज में बदलाव किए हैं। अब ATM से पैसे निकालने, बैलेंस चेक करने और अन्य सर्विसेज के लिए नए चार्ज लागू होंगे। इन बदलावों का मकसद डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना और नकद लेनदेन पर निर्भरता कम करना बताया जा रहा है। नए नियमों के तहत हर महीने एक लिमिट तक फ्री ट्रांजेक्शन की सुविधा मिलेगी, जिसके बाद अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर चार्ज देना होगा। कई बैंकों ने अब इंटर-सिटी और इंटर-बैंक ट्रांजेक्शन पर भी अलग शुल्क तय किए हैं। वहीं, रूरल और अर्बन एरिया में चार्ज की दरें अलग-अलग रखी गई हैं। यह बदलाव 1 नवंबर 2025 से लागू होंगे और सभी प्रमुख बैंकों के ATM नेटवर्क पर इसका असर पड़ेगा।

ATM से पैसे निकालने के नए चार्ज
नई पॉलिसी के मुताबिक, ग्राहकों को अब हर महीने केवल 3 से 5 ट्रांजेक्शन तक फ्री सुविधा मिलेगी। इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर ₹21 तक चार्ज देना होगा। इसके अलावा, अगर ग्राहक किसी दूसरे बैंक के ATM से पैसे निकालते हैं, तो यह चार्ज और भी ज़्यादा हो सकता है। बैंक ऑफ इंडिया, SBI, HDFC और ICICI जैसी प्रमुख संस्थाओं ने अपने ATM चार्ज लिस्ट में बदलाव कर दिए हैं। खास बात यह है कि बैलेंस चेक या मिनी स्टेटमेंट जैसी छोटी सेवाओं पर भी अब मामूली शुल्क लगाया जाएगा। इसलिए ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे अपने ट्रांजेक्शन को पहले से प्लान करें ताकि अतिरिक्त चार्ज से बचा जा सके।
ATM ट्रांजेक्शन लिमिट में हुआ बड़ा बदलाव
ATM से निकाले जाने वाले पैसों की लिमिट में भी बड़ा बदलाव हुआ है। अब बैंक के अनुसार एक दिन में ₹25,000 से ₹50,000 तक की निकासी सीमा तय की गई है। कुछ प्रीमियम खातों के लिए यह लिमिट ₹1 लाख तक हो सकती है। इसके अलावा, बैंक ने अब रात के समय ATM से निकासी पर अतिरिक्त सुरक्षा नियम लागू किए हैं, जिनमें OTP-आधारित वेरिफिकेशन शामिल है। इसका उद्देश्य ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ाना और ATM फ्रॉड की घटनाओं को कम करना है। डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए बैंकों ने UPI और कार्डलेस कैश विड्रॉल सर्विसेज पर भी ज़्यादा छूट देने की घोषणा की है।
ग्राहकों के लिए क्या जरूरी बदलाव
इस नई पॉलिसी के तहत ग्राहकों को अब SMS या ईमेल अलर्ट के ज़रिए हर ATM ट्रांजेक्शन की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, अगर किसी भी अनधिकृत ट्रांजेक्शन की सूचना 24 घंटे के भीतर दी जाती है, तो ग्राहक को पूरा रिफंड मिल सकता है। बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि ATM कार्ड रिप्लेसमेंट, PIN जनरेशन और इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन पर भी नई फीस लागू होगी। ग्राहकों को अपने बैंक की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर इन नई शर्तों की जानकारी लेना जरूरी है, ताकि वे अपने खर्च को बेहतर ढंग से मैनेज कर सकें।
नई ATM पॉलिसी से क्या होगा असर
नई ATM पॉलिसी से जहां एक ओर बैंकों की आय में इज़ाफा होगा, वहीं दूसरी ओर ग्राहकों पर अतिरिक्त भार बढ़ेगा। खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों के उपभोक्ताओं को इसका असर ज़्यादा महसूस होगा क्योंकि वे ज्यादातर नकद लेनदेन पर निर्भर हैं। हालांकि सरकार और RBI का मानना है कि इन बदलावों से डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल बढ़ेगा और ATM नेटवर्क पर भीड़ कम होगी। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ग्राहक इन नए नियमों को कैसे अपनाते हैं और क्या यह पॉलिसी वास्तव में डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
क्या ATM कार्ड पर लागू होने वाली नई पॉलिसी उपयोगकर्ताओं के लिए सुविधाजनक है?
हां, नई पॉलिसी से यूज़र्स को अधिक सुविधा मिलेगी।