Fuel and LPG Prices – पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में आई बड़ी गिरावट ने आम जनता को राहत की सांस दी है। हाल ही में सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार पेट्रोल और डीजल के दाम में ₹3 से ₹5 तक की कटौती की गई है, वहीं एलपीजी सिलेंडर की कीमत में भी ₹75 से ₹100 तक की कमी की गई है। यह फैसला त्योहारों के सीजन से पहले लिया गया है ताकि आम जनता को फ्यूल पर भारी राहत मिल सके। खासकर मिडिल क्लास परिवारों के लिए यह राहत काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि घरेलू बजट में पेट्रोल और गैस की कीमतों का अहम रोल होता है। इसके अलावा, ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को भी इससे राहत मिलेगी जिससे आने वाले समय में सब्जियों और दूसरी जरूरी चीजों की कीमतें भी कम होने की उम्मीद है। इस फैसले के बाद आम उपभोक्ता हर महीने सैकड़ों रुपये की बचत कर सकेगा।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कितनी कमी और इसका असर
सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में औसतन ₹3 से ₹5 की कटौती की है जो सीधे तौर पर वाहन चालकों के लिए बड़ी राहत है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे मेट्रो शहरों में यह बदलाव पहले से लागू कर दिया गया है। इससे ना केवल व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं को फायदा होगा, बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट और ट्रक ऑपरेटर्स के लिए भी यह निर्णय राहत भरा है। ईंधन की कीमतों में यह गिरावट महंगाई को काबू में लाने में सहायक हो सकती है, जिससे आम आदमी को जरूरी वस्तुओं की खरीदारी में भी राहत मिलेगी। यह कदम सरकार की महंगाई कम करने की योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
एलपीजी सिलेंडर सस्ता होने से घरेलू बजट में मिलेगी राहत
घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में ₹75 से ₹100 तक की कटौती की गई है, जो खासकर गृहिणियों के लिए अच्छी खबर है। अब ₹900 के आस-पास मिलने वाला गैस सिलेंडर ₹800 में उपलब्ध हो सकता है। सरकार की ओर से यह कदम दिवाली और छठ जैसे त्योहारों से पहले लिया गया है ताकि आम घरों का बजट संतुलित बना रहे। इससे विशेष रूप से निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी जो हर महीने गैस की कीमतें बढ़ने से परेशान रहते थे। साथ ही उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी का भी असर इसमें देखने को मिल सकता है, जिससे और अधिक लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा।
ईंधन कीमतों में राहत से उपभोक्ताओं की कितनी होगी बचत
यदि एक औसत परिवार हर महीने 20 लीटर पेट्रोल और एक गैस सिलेंडर का उपयोग करता है, तो मौजूदा कटौती के हिसाब से महीने भर में लगभग ₹150 से ₹200 की सीधी बचत हो सकती है। वहीं ट्रांसपोर्टेशन में कमी से दूध, सब्जी, फल और अन्य आवश्यक वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं, जिससे कुल मिलाकर ₹300 से ₹500 की मासिक राहत संभावित है। यह फैसला त्योहारों के समय में खासतौर पर उपयोगी साबित होगा क्योंकि इस समय खर्चे बढ़ जाते हैं और राहत मिलने से आम आदमी को वित्तीय रूप से सहारा मिलेगा।
सरकार का मकसद और आगे की रणनीति
सरकार का उद्देश्य साफ है—महंगाई पर नियंत्रण पाना और आम जनता को आर्थिक राहत देना। ईंधन की कीमतों में कटौती एक रणनीतिक कदम है जिससे चुनावी साल में सरकार सकारात्मक संदेश देना चाहती है। इसके अलावा सरकार भविष्य में भी इंटरनेशनल क्रूड ऑयल प्राइस पर नजर रखते हुए नई राहत देने की योजना बना सकती है। पेट्रोलियम कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे लाभ को जनता तक पहुंचाएं और मुनाफाखोरी से बचें। आने वाले महीनों में अगर वैश्विक स्तर पर तेल कीमतें स्थिर रहीं, तो आगे और कटौती संभव है।
गाड़ी का इंजन LPG पर चलाने से कितना ध्वनि करेगा?
यह 50% कम हो सकता है।