New Rules for Home Rent – देशभर के मकान मालिकों के लिए बड़ी खबर आई है, क्योंकि अब घर किराए पर देने के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है जिसके तहत किरायेदार और मकान मालिक दोनों के अधिकारों को संतुलित करने की कोशिश की गई है। लेकिन इस बार का फैसला मकान मालिकों के लिए झटका साबित हो सकता है, क्योंकि अब बिना पंजीकरण और किराया समझौते के घर किराए पर नहीं दिया जा सकेगा। नए नियम के अनुसार, सभी किरायेदारों की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। अगर कोई मकान मालिक इस नियम का उल्लंघन करता है तो उस पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इसका उद्देश्य किराए के विवादों को कम करना और पारदर्शिता लाना है।

किराए पर घर देने के नए नियम 2025
सरकार द्वारा जारी किए गए नए नियमों के तहत अब हर किराया अनुबंध को रजिस्टर कराना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले जहां अधिकतर मकान मालिक बिना किसी लिखित समझौते के किरायेदार रखते थे, अब यह व्यवस्था पूरी तरह समाप्त कर दी गई है। Rent Agreement को अब ऑनलाइन पंजीकृत करना होगा और उसमें किरायेदार का आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर और किराया अवधि का उल्लेख जरूरी होगा। इन नियमों का पालन न करने पर मकान मालिक को ₹25,000 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा, स्थानीय नगर निगम को भी किराए के डेटा की जानकारी देना अनिवार्य होगा। यह कदम किराए के मामलों में धोखाधड़ी और विवादों को रोकने के लिए उठाया गया है।
किरायेदार और मकान मालिक दोनों के अधिकार तय
नए नियमों में किरायेदारों और मकान मालिकों के अधिकारों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। मकान मालिक अब किरायेदार को बिना नोटिस के बाहर नहीं निकाल सकते, जबकि किरायेदार को भी समय पर किराया देना होगा। यदि किसी भी पक्ष द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया जाता है, तो मामला Rent Tribunal में दर्ज किया जा सकेगा। इसके अलावा, अब किराए में बढ़ोतरी के लिए भी नियम तय किए गए हैं — हर 11 महीने में अधिकतम 10% तक ही किराया बढ़ाया जा सकेगा। यह बदलाव देशभर में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के लिए किए गए हैं ताकि दोनों पक्षों को बराबर सुरक्षा मिल सके।
अब मकान मालिकों के लिए जरूरी होगी पंजीकरण प्रक्रिया
पहले मकान मालिक केवल मौखिक समझौते के आधार पर किरायेदार को घर दे देते थे, लेकिन अब यह पूरी तरह अवैध माना जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब प्रत्येक किराया अनुबंध को ऑनलाइन पंजीकृत करना होगा। यह प्रक्रिया राज्य सरकार के पोर्टल या नगर निगम की वेबसाइट के माध्यम से की जा सकेगी। इसके लिए किरायेदार और मकान मालिक दोनों की पहचान पत्र, किराए की अवधि, और किराया राशि जैसी जानकारी देनी होगी। ऐसा न करने पर संबंधित संपत्ति को अवैध किराया उपयोग की श्रेणी में रखा जाएगा और जुर्माना लगाया जाएगा। इससे किराए से संबंधित धोखाधड़ी, अवैध कब्जा और टैक्स चोरी पर भी रोक लगेगी।
किराए से जुड़ी नई व्यवस्था से आम जनता पर असर
इन नए नियमों का असर सिर्फ मकान मालिकों पर ही नहीं बल्कि आम जनता पर भी पड़ेगा। अब किरायेदारों को घर लेने के लिए सही दस्तावेज और पंजीकृत अनुबंध की जरूरत होगी, जिससे उन्हें कानूनी सुरक्षा मिलेगी। वहीं मकान मालिकों को पारदर्शी व्यवस्था अपनानी होगी। इससे किराए का बाजार व्यवस्थित होगा और ब्लैक मनी का उपयोग भी कम होगा। साथ ही, सरकार को टैक्स और रेवेन्यू की सटीक जानकारी मिल सकेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नियम लंबे समय में दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद साबित होंगे, हालांकि शुरुआत में मकान मालिकों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।